मूली का सलाद और परांठे तो हम अक्सर बनाते ही हैं, परन्तु मूली की भूजी भी बहुत अच्छी बनती है। इसमें मूली के नरम पत्ते भी प्रयोग हो जाते हैं। नरम मूली अस्थमा और जिगर के लिए बहुत अच्छी होती है और बहुत जल्दी पच जाती है। पकी मूली मुश्किल से पचती है और आयुर्वेदा के अनुसार तीनों दोषों को बढ़ा देती है। आयुर्वेदा के अनुसार मूली के बाद दूध नहीं पीना चाहिए और मूली के साथ उड़द नहीं खानी चाहिए।
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समय | 30 मिनट |
कितने लोगों के लिए | 4 |
कठिनाई | आसान |
सामग्री
मूली की पत्तियां | 3 कप कटी हुई |
कटी मूली | 2 कप |
उबले आलू | 2 मध्यम |
अजवाइन | 1 छोटी चम्मच |
तेल | 1 बड़ी चम्मच |
हल्दी पाउडर | 1/2 छोटी चम्मच |
लाल मिर्च पाउडर | 1/2 छोटी चम्मच |
धनिया पाउडर | 1 छोटी चम्मच |
अमचूर | 1 छोटी चम्मच |
नमक | 3/4 छोटी चम्मच |
हींग | एक चुटकी |
गरम मसाला | 1/2 छोटी चम्मच |
विधि
- मूली को छीलकर छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। मूली के नरम पत्ते भी धोकर छोटा छोटा काट लें।
- दोनों को प्रेशर कुकर में एक कप पानी के साथ उबलने के लिए रख दें। जैसे ही पहली सिटी आये, आंच बंद कर दें।
- प्रेशर ख़त्म हो जाने पर कुकर खोलें।
- आलुओं को अलग से उबाल लें।
- मूली को छानकर हाथों से दबाकर सारा पानी निकाल दें। आप चाहें तो पानी को किसी और चीज़ में प्रयोग कर सकते हैं।
- एक नॉनस्टिक पैन में तेल गरम करके अजवाइन और हींग डाल दें और अजवाइन फूलने का इंतज़ार करें। अजवाइन प्रयोग करना ज़रूरी है वरना मूली की भूजी गैस कर सकती है।
- अब इसमें गरम मसाले के अलावा सारे मसाले डाल दें और खुशबू आने तक उन्हें भून लें।
- मसाले भुन जाने पर इसमें उबली हुई मूली और मूली के पत्ते और मसला हुआ आलू डाल दें।
- आंच हलकी करके सब चीज़ों को करीब दस मिनट तक बीच बीच में चलाते हुए भून लें।
- दस मिनट बाद आंच बंद कर दें और गरम मसाला छिड़ककर हलके हाथ से मिला लें। मूली की भूजी तैयार है।
- मूली की भूजी आपको रेस्टोरेंट्स में कभी नहीं मिलेगी।
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मूली की भूजी
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