मुरादाबादी दाल, मुरादाबाद की एक पारम्परिक दाल है। कहा जाता है कि ये दाल पहली बार शाहजहां के तीसरे पुत्र, मुराद बक्श की रसोई में, उस समय बनी जब उन्होंने रोज़ रोज़ की पंचमेल दाल से तंग आकर कुछ नया खाने की इच्छा व्यक्त की। तब से लेकर आजतक ये मुरादाबाद में प्रसिद्ध है। ये दाल धुली मूंग दाल से बनती है लेकिन इसको तरह तरह के तड़कों और सब्ज़ियों से सजाकर परोसा जाता है जिसके कारण इसका स्वाद रोज़ अलग लगता है। आमतौर पे लोग इसमें घी और जीरे का तड़का लगाते हैं लेकिन खास मौकों पर प्याज़, टमाटर, अदरक, हरी मिर्च, हरा धनिया, चाट मसाला, गरम मसाला, हरी चटनी, इमली की चटनी इत्यादि से सजा कर परोसते हैं। बिस्कुटी रोटी बिस्कुट और रोटी के बीच का एक नया अवतार है जो इसके साथ बहुत अच्छा जाता है। तो यहाँ मैं आपको मुरादाबादी दाल और बिस्कुटी रोटी, दोनों की रेसिपी बता रही हूँ।
Read the Moradabadi dal with biscuity roti recipe in English
समय | 60 मिनट |
कितने लोगों के लिए | 4 |
कठिनाई | आसान |
दाल की सामग्री
धुली मूंग दाल | 1 कप |
हल्दी पाउडर | 1/2 छोटी चम्मच |
नमक | 1.25 छोटी चम्मच |
अदरक | 2 inch piece |
इमली का गूदा | 1 tbsp |
जीरा | 2 छोटी चम्मच |
धनिये के दाने | 1 छोटी चम्मच |
अजवाइन | 1 छोटी चम्मच |
हींग | Two pinches |
घी | 1 बड़ी चम्मच |
लाल मिर्च पाउडर | 1/4 छोटी चम्मच |
प्याज़ | 1 कप कटी हुई |
टमाटर | 1 कप कटे हुए |
हरी मिर्च | 4 |
हरा धनिया | सजाने के लिए |
नींबू का रस | 2 बड़ी चम्मच |
चाट मसाला | 1 बड़ी चम्मच |
बिस्कुटी रोटी की सामग्री
गेहूं का आटा | 100 ग्राम |
सूजी या रवा | 40 ग्राम |
बेसन | 60 ग्राम |
मैदा | 40 ग्राम |
नमकीन मक्खन | 50 ग्राम |
पिसी चीनी | 50 ग्राम |
दूध | 60 मिलीलीटर |
घी | 2 बड़ी चम्मच |
कटी मेवा | 30 ग्राम |
तिल | 10 ग्राम |
विधि
- मूंग दाल को बीन कर उसमें से पत्थर, मिटटी निकाल दें। दाल को धोकर 30 मिनट के लिए भिगो दें। फिर उसे प्रेशर कुकर में 4 कप पानी, हल्दी, आधे कटे अदरक और नमक के साथ उबलने रख दें।
- जैसे ही कुकर में सीटी आये, आंच बंद कर दें।
- एक छोटे पैन में आधा जीरा, अजवाइन, धनिया और आधा हींग भून लें और ठन्डे होने पर उन्हें बारीक पीस लें।
- प्याज़, टमाटर, हरा धनिया, हरी, मिर्च और अदरक को बारीक काट लें।
- जितने दाल पक रही है, उतने दूध, घी, तिल और मेवा को छोड़कर रोटी की सारी सामग्री मिला लें। धीरे धीरे दूध मिलाकर एक कड़ा आटा गूंथ लें। इसको ज़्यादा न गूंथें वरना ये अच्छी नहीं फूलेगी। ये रोटी थोड़ी मीठी होती है पर आप चाहें तो इसमें चीनी छोड़ सकते हैं और थोड़ा नमक मिला सकते हैं।
- आटे को 10 मिनट के लिए ढककर रख दें और फिर इसमें हल्के हाथ से मेवा मिला लें। ज़्यादा न गूंथें।
- आटे के दो हिस्से करके हर हिस्से को चौथाई सेंटीमीटर मोटा बेल लें और फिर ढाई इंच के 4 चाकोर टुकड़े काट लें।
- अब पहले से 230 डिग्री सेल्सियस पर गरम किये हुए ओवन में या तंदूर में रोटी को कुरकुरा होने तक बेक कर लें। ध्यान रखें कि ये बहुत जल्दी जल जाती हैं। बिस्कुटी रोटी तैयार है।
- जितने रोटी सिक रही है, एक तड़का बना लें। एक छोटे पैन में घी गरम करके उसमें बचा जीरा और हींग डालकर खुशबू आने तक भूनें। फिर इसमें लाल मिर्च पाउडर डालकर आंच बंद कर दें।
- प्रेशर ख़त्म होने पर दाल खोलें और अगर दाल के दाने दिख रहे हों तो उसे थोड़ा मसल लें। इसमें इमली का गूदा मिला लें और मुरादाबादी दाल तैयार है।
- अब हम सब चीज़ें एक साथ परोसेंगे। एक कटोरी में दाल लें और उसके ऊपर तड़का, प्याज़, टमाटर, हरी मिर्च, हरा धनिया, अदरक, नींबू का रस, पिसा मसाला, और चाट मसाला दाल दें। बिस्कुटी रोटी पर थोड़ा घी लगा लें और मुरादाबादी दाल और बिस्कुटी रोटी को संग संग परोसें।
- आप चाहें तो दाल में हरी चटनी और मीठी चटनी भी डाल सकते हैं।