मसाला दोसा शायद दक्षिण भारत का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन है। अगर इसके अंदर कोई भरावन नहीं हो तो वह सादा दोसा कहलाता है वरना मसाला दोसा। इसको पतला फैलाना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन अगर आप कोशिश करते रहें तो इतना मुश्किल भी नहीं है। इसको आमतौर पे सांभर और नारियल चटनी के साथ खाया जाता है।
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समय | 1 दिन 60 मिनट |
कितने दोसे | 20 |
कठिनाई | मुश्किल |
भरावन की सामग्री
उबले आलू | 3 मध्यम |
सरसों के दाने | 3/4 छोटी चम्मच |
धुली उड़द दाल | 1/2 छोटी चम्मच |
चने की दाल | 1/2 छोटी चम्मच |
करी पत्ते | 8-10 |
नमक | 3/4 छोटी चम्मच |
सूखी साबुत लाल मिर्च | 2 |
हरी मिर्च | 2 |
हल्दी पाउडर | 1/4 छोटी चम्मच |
तेल | 1 छोटी चम्मच |
दोसे की सामग्री
धुली उड़द दाल | 1 कप |
उबाल कर सुखाया हुआ चावल | 3 कप |
मेथी दाना | 1/2 छोटी चम्मच |
नमक | 2 छोटी चम्मच |
तेल | 1/2 कप |
विधि
- सबसे पहले हम दोसे का घोल बनाएँगे। इसको बनाने में 12 से 24 घंटे लग सकते हैं। आप चाहें तो इसे बाज़ार से बना बनाया भी ला सकते हैं।
- सबसे पहले उड़द दाल और चावलों को धोकर अलग अलग भिगो दें। मेथी दाने को दाल के साथ ही भिगो दें। 5 से 6 घंटों बाद, आप इन्हें अलग अलग कम से कम पानी डालकर मिक्सी में बारीक पीस लें। दोनों पिसे हुए घोलों को एक बड़े बर्तन में मिलाकर ढककर किसी गरम जगह पर खमीरा होने के लिए रख दें। मैं अक्सर इस बर्तन को फ्रिज के रेगुलेटर के ऊपर रख देती हूँ क्यूंकि वह हल्का गरम रहता है। गर्मियों में ये करीब 12 घंटों में खमीरा हो जाता है किन्तु जाड़ों में 24 घंटे लग सकते हैं। खमीरा होने की २ पहचान हैं। पहला ये कि ये फूल कर दुगना हो जायेगा। दूसरा ये की इसमें हलकी खट्टी खुशबू आने लगेगी।
- जब घोल करीब दुगना फूल जाए तब वह तैयार है। इस समय आप इसको फ्रिज में एक हफ्ते तक रख सकते हैं।
- भरावन के लिए एक पैन में तेल गरम कर लें और सरसों डालकर ढक दें। थोड़ी देर में सरसों फूटने लगेगी। जब सारी सरसों फूट चुके तब इसमें करी पत्ते, साबुत लाल मिर्च, उड़द की दाल, चने की दाल और हल्दी पाउडर डालकर आंच हलकी कर दें। इनको दाल के ब्राउन होने तक भून लें।
- इसमें थोड़े कटे हुए प्याज़ डालकर भून लें। प्याज़ ब्राउन नहीं करनी है बस नरम करनी है। अब इसमें उबले आलू तोड़ कर डाल दें और साथ ही साथ कटी हरी मिर्च और नमक भी डाल दें। थोड़ा सा भून कर इसमें आधा कप पानी डाल दें और तब तक पकाएं जब तक सारा पानी सूख न जाए। आंच बंद कर दें और भरावन तैयार है।
- जब दोसा बनाना हो तब फ़्रिज से केवल उतना ही घोल निकालें जितना चाहिए और उसमें स्वादानुसार नमक मिला लें। नमक मिला हुआ घोल ज़्यादा देर नहीं रख सकते क्यूंकि नमक घोल का ख़मीरापन ख़त्म करता है। घोल अगर गाढ़ा हो तो उसमें थोड़ा पानी मिला। लें
- एक नॉनस्टिक पैन को तेज़ आंच पर गरम करें। उसपे थोड़ा तेल भी लगा लें। जब धुआं उठने लगे तब पैन में पानी के छीटें दें और एक गीले कपड़े से पोंछ लें और आंच मध्यम कर दें।
- एक बड़ी चम्मच घोल पैन के बीच में डालें और एक फ़्लैट कटोरी की सहायता से उसे पैन में गोलाकार घुमाते हुए धीरे धीरे बाहर की तरफ़ फैला लें। ध्यान रहे कि जहाँ आप पहले फैला चुके हैं वहां दुबारा कटोरी न घुमाएं वरना घोल उतर जायेगा।
- फैले हुए दोसे पर थोड़ा तेल छिड़क लें और दोसे को तेज़ आंच पर सिकने दें। जब लगे कि वह नीचे से भूरा हो गया है, तब उसके बीच में थोड़ी भरावन रखकर दोनों साइड्स बीच में मोड़ लें। मसाला दोसा तैयार है।
- अक्सर पहले 1 या 2 दोसे ठीक से नहीं उतरते या फैलते पर घबराएं नहीं, ये सबके साथ होता है।
Summary
Recipe Name
मसाला दोसा
Author Name
रुचि गर्ग
Published On
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beautiful looking dosa and really useful tips for beginner. 🙂