जाड़ों में सरसों का साग और मक्की की रोटी पंजाब का एक बहुत ही लोकप्रिय खाना है। परंपरागत साग में क्रीम वगैरह नहीं डलती लेकिन वह फिर भी मक्खन की तरह चिकना होता है। इसमें मसाले भी बहुत कम पड़ते हैं। सबसे मुख्य चीज़ जो साग का स्वाद दुगना कर देती है, वो है घी का छौंक। बिना घी के साग ऐसा ही होता है जैसे बिना कोट के सूट, आधा अधूरा।
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समय | 2 घंटे |
कितने लोगों के लिए | 4 |
कठिनाई | मध्यम |
सामग्री
सरसों के पत्ते | 500 ग्राम |
पालक | 250 ग्राम |
मेथी और बथुए के पत्ते | 100 ग्राम |
हरी मिर्च | 3 |
प्याज़ | 3 मध्यम |
टमाटर | 5 मध्यम |
अदरक | 2 इंच का टुकड़ा |
मक्की का आटा या बेसन | 1/4 कप |
जीरा | 1 छोटी चम्मच |
नमक | 3/4 छोटी चम्मच |
लाल मिर्च पाउडर | 1/2 छोटी चम्मच |
सूखी साबुत लाल मिर्च (ऐच्छिक) | 2 |
घी | 3 बड़ी चम्मच |
हींग | एक चुटकी |
विधि
- सारे पत्तों को उनकी डंडियों से अलग करके डंडियां फ़ेंक दें और पत्तियों को कई बार साफ़ पानी में धो लें क्यूंकि पत्तों में कभी कभी काफ़ी मिटटी होती है।
- धुली पत्तियों को मोटा मोटा काट लें।
- पत्तों को हरी मिर्च के साथ एक भगोने में आधे इंच पानी के साथ ढककर पका लें। जब पानी उबलने लगे तो आंच हल्की कर दें और 20 मिनट तक उबलने दें। पत्तियां सिकुड़ कर काफ़ी कम हो जायेंगीं। 20 मिनट बाद आंच बंद कर दें।
- थोड़ा ठंडी होने पर पत्तियों को पानी समेत मिक्सर में मोटा मोटा पीस लें। बारीक न पीसें।
- मक्का के आटे या बेसन को एक कप पानी में अच्छी तरह घोल लें।
- प्याज़, टमाटर और अदरक को मोटा मोटा काट लें। कढ़ाई में एक बड़ी चम्मच घी गरम करके उसमें प्याज़ और अदरक को तबतक भूनें जब तक प्याज़ मुलायम न हो जाएं। अब इसमें टमाटर डालकर उन्हें भी मुलायम होने तक पका लें।
- एक दूसरी कढ़ाई में एक बड़ी चम्मच घी गरम करके उसमें आधा जीरा और आधा हींग डालकर जीरा फूलने का इंतज़ार करें।
- अब इसमें पत्तियों का घोल, नमक और मक्की के आटे का घोल डालकर उबाल आने तक निरंतर चलाते रहें । अगर चलाया नहीं तो आटे की गोलियां बन जायेंगीं।
- उबाल आने पर आंच हल्की कर दें और इसे कम से कम आधा घंटा पकने दें। बीच बीच में चलाते रहें ।
- साग पक जाने पर उसमें प्याज़ टमाटर का मिश्रण मिला दें और 5 से 6 मिनट तक पका लें। साग इतना गाढ़ा होना चाहिए कि प्लेट में बिना कटोरी के परोसा जा सके।
- साग के लिए छौंक बना लें। एक छोटे बर्तन में बचा हुआ घी गरम करके उसमें बचा हुआ जीरा और हींग डालें और उनके फूलने का इंतज़ार करें। जीरा फूलने पर उसमें साबुत लाल मिर्च तल लें और लाल मिर्च पाउडर डालकर आंच बंद कर दें।
- सरसों के साग पर छौंक और अदरक का लच्छा डालकर गरम गरम परोसें।
Summary
Recipe Name
सरसों का साग
Author Name
रुचि गर्ग
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