तिल की तासीर गरम होती है इसलिए जाड़ों के दिनों में तिल खाना काफ़ी अच्छा माना जाता है। इसीलिए आप देखेंगें कि जाड़ों के त्योहारों में अकसर तिल का प्रयोग होता है।
हमारे बुज़ुर्गों ने जो परम्पराएं बनाई हैं उनके पीछे काफ़ी अच्छी सोच छुपी है। तिल के लड्डू जनवरी में सक्रांति पर तो ज़रूर ही बनाये जाते हैं।
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समय | 30 मिनट |
कितने लोगों के लिए | 15 लड्डू |
कठिनाई | आसान |
सामग्री
सफ़ेद तिल | 1 कप |
खोया | 1 कप |
बूरा | 1 कप |
विधि
- तिल को एक पैन में बहुत धीमी आंच पर सूखा भून लें जब तक कि वे फूल नहीं जाते। जैसे ही वे फूल जाएं और उनका रंग बदलने लगे तो आंच बंद कर दें। ठन्डे हो जाने पर उन्हें दरदरा पीस लें।
- खोये को अलग से धीमी आंच पे भून लें जब तक कि वह मुलायम नहीं हो जाता और फिर आंच बंद कर दें।
- अब तिल, खोया और बूरा को अच्छी तरह से मिला लें।
- आप अपनी इच्छा अनुसार इसमें मीठा कम या ज़्यादा कर सकते हैं। अगर आप के पास बूरा नहीं है तो पीसी चीनी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इससे पहले कि मिश्रण ठंडा हो, उसके लड्डू बना लें। तिल के लड्डू तैयार हैं।
- अगर आपके पास कुछ पुरानी खोये की मिठाई रखी है, तो आप उसको थोड़ा भून के, उसमें भुने तिल मिलाके भी तिल के लड्डू बना सकते हैं।
Summary
Recipe Name
तिल के लड्डू
Author Name
रुचि गर्ग
Published On
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