उत्तर भारत के लोगों को सुबह के नाश्ते में परांठे बहुत पसंद होते हैं, ख़ासकर जाड़ों में और क्यूंकि बढ़िया मूली जाड़ों में ही मिलती है तो मूली का परांठा तो आप केवल जाड़ों में ही खा सकते हैं। मूली में ज़्यादा पानी होने के कारण इनके परांठे बनाना बाकी परांठों के मुकाबले थोड़ा मुश्किल होता है पर अगर आप मेरी तरकीब से बनाएंगे तो वह भी आसान हो जाएगा।
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समय | 30 मिनट |
कितने परांठे | 6 |
कठिनाई | मध्यम |
सामग्री
गेहूं का आटा | 1.5 कप |
मूली | 2 मध्यम |
नमक | 1.5 छोटी चम्मच |
हरी मिर्च | 2-3 |
लाल मिर्च पाउडर | 1/2 छोटी चम्मच |
अजवाइन | 3/4 छोटी चम्मच |
गरम मसाला | 1/2 छोटी चम्मच |
हरा धनिया | 1/8 कप |
तेल | 3 बड़ी चम्मच |
विधि
- सबसे पहले एक कप आटे में आधा छोटी चम्मच नमक मिलाकर रोटी की तरह एक नरम आटा गूंथ लें, और उसे ढककर रख दें।
- अब मूलियों को धोकर छील लें और मध्यम आकार में कस लें और दस मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें। मूलियां काफ़ी पानी छोड़ देंगीं। मूलियों को दबा कर पानी निकाल दें और कसी मूलियों को एक अलग कटोरे में रख लें।
- मूली में लाल मिर्च, गरम मसाला, अजवाइन, कटी हरी मिर्च और कटा हरा धनिया मिला लें। अजवाइन मूली के परांठे में ज़रूरी होती है क्यूंकि मूली ठंडी होती है और गैस भी करती है। मूली के परांठों की भरावन तैयार है। इसको छः हिस्सों में बाँट लें।
- आटे को एक बार फिर से थोड़ा सा गूंथ लें और छः हिस्सों में बाँट लें और उनके पेड़े बना लें।
- आटे के पेड़े को सूखे आटे की मदद से करीब १० इंच लम्बा और 5 इंच चौड़ा अंडाकार बेल लें।
- अब उस पर एक हिस्सा भरावन रखकर उसके आधे हिस्से में फैला लें।
- रोटी के दूसरे हिस्से को भरावन के ऊपर बंद कर दें जिससे रोटी आधे चाँद की तरह हो जाये।
- रोटी के किनारों को अच्छी तरह दबा कर चिपका लें जिससे भरावन बाहर न निकले और थोड़े सूखे आटे की मदद से रोटी को हलके हाथ थोड़ा और बेल लें।
- ये हो सकता है कि थोड़ी बहुत भरावन बाहर निकल जाये पर उसमें घबराने की कोई बात नहीं है।
- तवा गरम करके, धीरे से मूली से भरी रोटी तवे पर डाल दें और जब उसमें नीचे बुलबुले दिखने लगें तब पलट दें।
- करीब एक मिनट बाद, ऊपर थोड़ा तेल लगाकर रोटी को फिर पलट लें और दूसरी तरफ भी तेल लगा लें।
- परांठे को कौंचे से दबा दबा कर घुमाते हुए दोनों तरफ ब्राउन होने तक सेंक लें। आप चाहें तो और तेल या घी भी डाल सकते हैं। अगर आप को कुरकुरे परांठे पसंद हैं तो तेल थोड़ा ज़्यादा लगाएं। मूली का परांठा तैयार है।
- इसको दही और अचार के साथ गरमागरम परोसें।
- नरम मूली अस्थमा और जिगर के लिए बहुत अच्छी होती है और बहुत जल्दी पच जाती है। पकी मूली मुश्किल से पचती है और आयुर्वेदा के अनुसार तीनों दोषों को बढ़ा देती है। आयुर्वेदा के अनुसार मूली के बाद दूध नहीं पीना चाहिए और मूली के साथ उड़द नहीं खानी चाहिए।
- मूली को इंग्लिश में रैडिश कहते हैं।
Summary
Recipe Name
मूली का परांठा
Author Name
रुचि गर्ग
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