मीठे पूड़े या गुलगुले उत्तर भारत में करवाचौथ और अहोई अष्टमी पर बनाये जाते हैं। क्यूंकि ये एक पारम्परिक मिठाई है और सदियों से बनाई जाती है, इसकी सामग्री भी बहुत ही सादी सी है क्यूंकि पहले ज़माने में घरों में इतनी चीज़ें नहीं होतीं थीं। सादगी भरी होते हुए भी ये स्वाद में बहुत अच्छें होते हैं ख़ासतौर पे सौंफ के कारण।
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समय | 30 मिनट |
कितने लोगों के लिए | 15 पूड़े |
कठिनाई | आसान |
सामग्री
गेहूं का आटा | 1 कप |
तेल | तलने के लिए |
चीनी | 3/4 कप |
बड़ी सौंफ | 1 छोटी चम्मच |
विधि
- चीनी को आधा कप गरम पानी में घोल लें। चीनी के दाने बचने नहीं चाहियें।
- चीनी के घोल में आटा और कुटी सौंफ मिला कर एक गाढ़ा घोल बना लें। घोल इतना गाढ़ा होना चाहिए की जब आप थोड़ा सा घोल पकौड़ी की तरह तेल में डालें तो वह बह न जाये।
- एक कढ़ाई में तेल गरम करें। आप चाहें तो घी में भी तल सकते हैं, उससे स्वाद और अच्छा आएगा। अब ज़रा सा घोल तेल में डाल कर देखें। अगर वह नीचे बैठ जाता है तो तेल गरम नहीं हुआ है। अगर वह एकदम से ब्राउन हो जाता है तो तेल ज़्यादा गरम हो गया है। लेकिन अगर वह तैरता रहता है और उसके चारों तरफ़ बुलबुले उठ रहे हैं तो तेल तैयार है।
- धीरे से पकोड़ी की तरह थोड़ा सा घोल तेल में डाल लें। अगर घोल छिटकने लगे तो पहले आंच बंद करके पूड़े को कढ़ाई से निकाल लें। अब छलनी से तेल छान लें। घोल में थोड़ा आटा और मिला लें। अगर ज़रुरत पड़े तो थोड़ा पानी भी डाल लें और फिर एक पूड़ा तल कर देखें।
- जब वे सुनहरे हो जाएं तो उन्हें कागज़ पर निकाल लें। मीठे पूड़े या गुलगुले तैयार हैं। ये गरम या ठन्डे दोनों तरह से खाये जा सकते हैं। इनको एक हफ्ते तक रेफ्रीजिरेटर में रख सकते हैं।
Summary
Recipe Name
मीठे पूड़े या गुलगुले
Author Name
रुचि गर्ग
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